माँ गौरी तुम्हे वंदन करता हूँ
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हे माँ जगत कल्याणी
माँ गौरी तुम्हे वंदन करता हूँ,
तुम ब्रह्माणी, तुम रुद्राणी
पाप नाशनी नमो नमो।
आज अष्टमी को पूजा होती तुम्हारी
रुप तुम्हारा अति मन भावन,
भक्तों की तुम दुख हरती हो
क्षमा करो माँ अपराध हमारे।
हे जगदम्बे हे माँ अम्बे
जन -जन पर कृपा बरसाओ माँ,
ज्योति जले जगमग माँ तेरी
आरती उतारुं माँ तेरी मैं।
हे माँ महागौरी तुम ही
भवसागर पार लगाती हो,
दुष्टों का तुमने संहार किया है
जगदेश्वरी हे माँ परमेश्वरी।
घर -घर पूजा हो रही तुम्हारी
धूप दीप और भोग लगाऊँ,
शीतल सात्विक सिन्धु सुधा सम
जय जय माँ गौरी तुम को वंदन करता हूँ।।
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कालिका प्रसाद सेमवाल
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