कालिका प्रसाद सेमवाल

हे मां सिद्धिदात्री सुमति दे


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हे मां सिद्धिदात्री


अष्ठ भुजा धारी जगत कल्याणी,


हम भक्तो पर कृपा बरसाओं,


तेरी महिमा अपरम्पार है मां।


 


हे मां सिद्धिदात्री


अन्दर ऐसा प्रेम जगाओ,


जन जन का उपकार करूं,


प्रज्ञा की किरण पुंज तुम,


हम तो निपट अज्ञानी है।


 


हे मां सिद्धिदात्री


करना मुझ दीन पर कृपा मां,


निर्मल करके तन-मन सारा,


मुझ में विकार मिटाओ मां,


इतना तो उपकार करो।


 


हे मां जग जननी


पनपे ना दुर्भाव कभी मन में,


ऐसी सुमति दे दो मां,


बुरा न करूं -बुरा सोचूं,


ऐसी सुबुद्धि प्रदान करो।


 


हे मां जगदम्बे


इतना उपकार करो,


निर्मल करके मन मेरा,


सकल विकार मिटाओ दो मां,


जो भी शरण तुम्हारी आते,


उन्हे सद् मार्ग बताओ मां।


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कालिका प्रसाद सेमवाल


 मानस सदन अपर बाजार


रूद्रप्रयाग उत्तराखंड


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