*गुरु तत्व नित्य है*
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गुरु कोई व्यक्ति नहीं होता,
गुरु कोई शरीर नहीं होता,
गुरु तो व्यक्ति के अन्दर जो गुरुत्वा है,
वहीं गुरु तत्व होता है।
शरीर अनित्य है गुरु नित्य है,
व्यक्ति आज है परंतु कल नहीं है,
गुरु तत्व आज भी है और कल भी
गुरु एक शक्ति है जो नित्य है।
गुरु ईश्वर की कृपा से मिलता है,
गुरु समर्पण से मिलता है,
गुरु भाव से मिलता है,
गुरु प्रभु की अति कृपा से मिलता है।
गुरु के बिना ज्ञान नहीं मिलता है,
गुरु ही सद् बुद्धि प्रदान करता है,
गुरु के कारण शिष्य की पहचान है,
गुरु कृपा से भवसागर पार होता है।
गुरु का आशीष शक्ति देता है
गुरु की सेवा करने से भक्ति मिलती है
गुरु दर्शन से खुशी मिलती है
गुरु सुमिरन से कष्टो का हरण होता है।।
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कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड
पिनकोड 246171
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