मदन मोहन शर्मा सजल

दौड़ी आती मात


~~~~~~~~~~~~~~~~


माता दुर्गति नाशिनी, सर्व करें कल्याण।


महागौरी स्वरूपिणी, दूर करे सब त्राण।।


दूर करे सब त्राण, सुख भंडार यह भरती।


करती जग उद्धार, आपदा सारी हरती।।


कहे सजल कविराय, दुर्दिन जब भी सताता।


दौड़ी आती छोड़, सिंह सिंहासन माता।।


★★★★★★★★★★★★


मदन मोहन शर्मा सजल


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अखिल विश्व काव्यरंगोली परिवार में आप का स्वागत है सीधे जुड़ने हेतु सम्पर्क करें 9919256950, 9450433511