नूतन लाल साहू

जिंदगी से दोस्ती कर लीजिए


 


बीता बिन संघर्ष जो


वह जीवन ब्यर्थ है


दुश्मन ने तो दे दिया


जीवन में भुचाल


उलझ जाये जब गुत्थियां,तब


जिंदगी से दोस्ती कर लीजिए


कंचन कृति कामिनी


तीनो विष की खान


इससे कोई अब तक न बचा


चाहे बुढ़ा हो या जवान


भूत भविष्य भूलकर


जिंदगी से दोस्ती कर लीजिए


जिसे मौत का डर नहीं


वहीं छु सकता है आकाश


है बाकी की जिंदगी


चलती फिरती लाश


कदम कदम पर आयेगी मुश्किलें


जिंदगी से दोस्ती कर लीजिए


तू है सिर्फ निमित्त भर


काहे को तू इतराय


कर ले वहीं काम तू


जो रब तुझसे करवाय


पता नहीं प्रारब्ध का तुझको


जिंदगी से दोस्ती कर लीजिए


मां दुर्गा का यदि वर मिले


मिटे कष्ट भय क्लेश


नव जीवन का तू कर ले बंदे


फिर से श्री गणेश


काम खुदा का समझ कर


जिंदगी से दोस्ती कर लीजिए


नूतन लाल साहू


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