नूतन लाल साहू

प्यार का तोहफा


 


बीते बाते सोचकर


मत बन कब्रिस्तान


बीते और भविष्य पर


नहीं दीजिये ध्यान


माता पिता गुरु और


प्रभु के चरणों से कर लो प्यार


प्यार का तोहफा अवश्य मिलेगा


साथ तुम्हारे सदा रहेगा


आशीर्वाद सुबहो शाम


झेल लिया जिस शख्स ने


सांसारिक पीड़ा का संघर्ष


एक दिन उसके सामने


नमन करेगा हर्ष


अनुशासित जीवन से कर लो प्यार


प्यार का तोहफा अवश्य मिलेगा


पता नहीं कब तक चले


मेरी और तेरी श्वास


धोखा दे दे किस समय


इसका क्या विश्वास


नहीं लगाओ किसी से


किसी तरह की आस


आत्मविश्वास और सत्कर्मों से कर लो प्यार


प्यार का तोहफा अवश्य मिलेगा


कलयुग में पैसा ही है खुदा


समय हमे समझाय


बिन पैसे विद्वान को भी


मिले न इक कप चाय


पर,कर्म भाग्य के सत्य से


खींचो बड़ी लकीर


गुरु मंत्र से कर लो प्यार


प्यार का तोहफा अवश्य मिलेगा


नूतन लाल साहू


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