नूतन लाल साहू

धरती मइया की वंदना


हे धरती मइया


परत हव, तोर पइया


महू ह तोर शरण में हो


हर लेबे, तै मोर पीरा


का लइका,का स्यान दाई


धरथे तोरेच ध्यान


चंदा अउ सुरुज लेे ज्यादा


हावे तोर अंजोर ह


ज्ञान गंगा के देवैया, मइया


पहली शीश,नवावव तोला


मोरो तै ह, विनती सुन ले


नइ कर सकव बखान मैहर


हे धरती मइया


परत हव, तोर पईया


महू ह तोर शरण में हो


हर लेबे तै, मोर पीरा


सबो परानी के, माता कहाथस


तोरेच महिमा नियारी हे


तैंतीस कोटि देवता होथे


पर पहली पूजा, तोरेच होथे


हमू ल ते ह, तार लेे मइया


जइसन सब ल तारे हस


हे धरती मइया


परत हव तोर पईया


महू ह तोर, शरण में हो


हर लेबे तै, मोर पीरा


कोनो ह तोला फूल चढ़ाथे


कोनो ह श्रद्धा भकति


ऊंचा तोर आसन मइया


परबत अउ पहाड़ी भी हे


चौसठ योगिनी मंगल गावे


नाचे डमरू वाला


चार लोक, चउदा भुवन में


फइलेे हे, तोर उजाला


हे धरती मइया


परत हव तोर पइया


महू ह तोर, शरण में हो


हर लेबे तै, मोर पीरा


नूतन लाल साहू


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