** *धोखा***
धोखा है खाना नहीं, फिर भी खाते लोग।
वे अक्सर जो बुद्धि का, करें नहीं उपयोग।
करें नहीं उपयोग, कहें हम ख़र्चे कैसे।
हो जाने पर खर्च, न मिलती पैसे जैसे।
कौन उन्हें समझाय, नहीं ये लिट्टी-चोखा।
करें जो बुद्धि खर्च, नहीं वो खाए धोखा।
।। राजेंद्र रायपुरी।।
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