राजेंद्र रायपुरी

विदाई, माता रानी की 


 


जाने को हैं माता रानी, 


                  कर लूॅ॑ मैं मनुहार।


हे माता हे दुर्गा देवी, 


                  आना फिर से द्वार।


 


सेवा अधिक नहीं कर पाया,


                था माता लाचार।


"कोरोना" से खस्ता हालत,


                 थी माता इस बार।


 


अज्ञानी हूॅ॑ सच कहता माॅ॑,


               हुई अगर कुछ भूल।


क्षमा मुझे कर देना माता,


              समझ चरण की धूल।


 


कैसे करूॅ॑ बिदाई माता,


                 तुम ही वो पतवार। 


जो नैया है पार लगाती, 


                 फॅ॑सी अगर मझधार।


 


समझो नहीं विदाई माता, 


                 ये केवल व्यवहार।


कृपा बनाए रखना मुझपर, 


                 करना ये उपकार।


 


मजबूरी में करूॅ॑ विदाई, 


                 ॲ॑खियन बहती धार।


माता आना फिर से द्वारे, 


                   विनय यही सौ बार।


 


           ।। राजेंद्र रायपुरी।।


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