🚩 *माता रानी आ गईं* 🚩
माता रानी आ गईं,
सुन कर करुण पुकार।
अगवानी को मैं खड़ा,
देखो अपने द्वार।
लाल चुनरिया पहनकर,
होकर सिंह सवार।
माता रानी आ गईं,
देखो मेरे द्वार।
प्यारे-प्यारे दो नयन,
और भुजाऍ॑ चार।
एक हाथ में है खड़ग,
दूजे में तलवार।
भाला तीजे हाथ है,
करें दुष्ट संहार।
वर मुद्रा में हाथ जो,
बाॅ॑टें उससे प्यार।
टीका माॅ॑ के माथ पर,
और गले में हार।
चमक रहे ज्यों सूर्य हों,
उनकी चमक अपार।
माॅ॑ के चरण पखार कर,
आसन दूॅ॑गा ख़ास।
नौ दिन तक माता करें,
मेरे घर में वास।
माॅ॑ की पूजा के लिए,
रक्खा है उपवास।
ज्योति जलेगी रात दिन,
माता जी के पास।
नहीं माॅ॑गना कुछ मुझे,
बस इतनी अरदास।
माता रानी की कृपा,
बनी रहे कुछ ख़ास।
🙏🏻जय माता दी।🙏🏻
।। राजेंद्र रायपुरी।।
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