राजेंद्र रायपुरी

देखो देखो मेरे ॲ॑गना, 


एक कली मुस्काई।


आज खुशी का नहीं ठिकाना,


खाओ सभी मिठाई।


 


लल्लन, जुम्मन, वाल्टर,केशर,


सारे आओ भाई।


आज खुशी का नहीं ठिकाना,


खाओ सभी मिठाई।


 


बड़े दिनों से आस लगी थी,


आज हुई है पूरी।


ॲ॑गना मेरे खिली कली है,


नाम रखूॅ॑गा नूरी।


 


महक उठा है घर मेरा ये,


महक उठी ॲ॑गनाई।


आज खुशी का नहीं ठिकाना,


खाओ सभी मिठाई।


 


देखो-देखो मेरे ॲ॑गना ...........।


 


प्यारी गुड़िया जो आई है।


खुशियां झोली भर लाई है।


आते ही इसके देखो जी,


दुगनी हुई कमाई।


आज खुशी का नहीं ठिकाना,


खाओ सभी मिठाई।


 


देखो-देखो ॲ॑गना मेरे ............।


 


खूब पढ़ाऊॅ॑गा मैं इसको।


नहीं डांस या कोई डिस्को।


चाह यही है पा ऊॅ॑चा पद,


करे देश अगुआई।


आज खुशी का नहीं ठिकाना,


खाओ सभी मिठाई।


 


देखो-देखो मेरे ॲ॑गना.............।


 


आस सभी अब होगी पूरी।


नहीं रहेगी एक अधूरी।


निश्चित कल को बजनी ही है,


मेरे घर शहनाई।


आज खुशी का नहीं ठिकाना,


खाओ सभी मिठाई।


 


देखो-देखो मेरे ॲ॑गना,


एक कली मुस्काई।


आज खुशी का नहीं ठिकाना,


खाओ सभी मिठाई।


 


           ।। राजेंद्र रायपुरी।।


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