संदीप विश्नोई पंजाब

जय माँ शारदे


जय ब्रह्मचारिणी माता 


राधेश्यामी मत्तसवैया छंद


 


माँ ब्रह्मचारिणी रूप धरा , कमण्डल कर में उठाती है , 


दर पर जो शीश झुकाता है , माँ बेड़ा पार लगाती है। 


कर में माला लगती प्यारी , माँ सिद्धि सकल देने वाली , 


पद पंकज की महिमा गाओ , भरती माता झोली खाली। 


 


शुचि मंजुल आनन की शोभा , है अद्भुत स्वर्ण कमल जैसी , 


माता के पाँवों की लाली , लगती किसलय कोंपल जैसी। 


माता संदीप करे पूजन , शुचि तीक्ष्ण मेधा प्रदान करो , 


माँ अष्ट सिद्धि का वर दे कर , माँ खुशियों से भंडार भरो। 


 


संदीप कुमार विश्नोई रुद्र


दुतारांवाली अबोहर पंजाब


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