संजय जैन

दो लालो का जन्म दिन


 


2 अक्टूबर का दिन, 


कितना महान है।


क्योकि जन्मे इस दिन 


दो भारत मां के लाल है।।


 


सोच अलग थी दोनों की,


पर थे समर्पित भारत के लिए।


इसलिए दिन को 


हम लोग याद करते है।


और दोनों के प्रति, 


श्रध्दा सुमन अर्पित करते है।


और उन्हें दिल से 


आज याद करते है।।


 


सत्य अहिंसा के बल पर,


हमे दिलाई आज़दी।


और सत्यग्रह करके,


मजबूर कर दिया अंग्रेजो को ।


और उन्हें छोड़ना पड़ा 


भारत देश को।


और मिल गई हमे आज़दी, 


सत्य अहिंसा के पथ पर चलकर।।


 


याद करो उन छोटे 


कद वाले इंसान को।


जो सोच बहुत बड़ी रखते थे।


और हर कार्य भारत के 


हित मे करते थे।


तभी तो उन्होंने नारा दिया था,


जय जवान जय किसान।


ये ही है भारत की 


आन मान और शान ।।


 


दोनों के प्रति आदर भाव रखते हुए। 


हम उन्हें श्रध्दांजलि अर्पित करते है।


और भारत माँ को प्रणाम करते है।


कि ऐसे लालो को आपने,


जन्म दिया हिंदुस्तान में।।


 


आज ह्रदय से दोनों महापुरुषों 


को श्रध्दा सुमन अर्पित करता हूँ।।


 


जय हिंद जय भारत


संजय जैन (मुम्बई)


********************


गांधी तेरे बंदर


 


गांधी तेरे तीन बंदरो का, 


हम अनुसरण कर रहे है।


और आज तेरे जन्मदिन पर,


श्रध्दा फूल चढ़ा रहा हूँ।


आज़दी तो मिली गई भारत माँ को।


पर अबतक समझ नहीं पाया,


की क्या मिला इससे हमको।।


 


तेरे बंदर भी है कमाल के,


जो संकेत देते है हर बात के।


एक कहता है देखो सुनो, पर बोलो मत।


वरना बोलती हमेशा, 


के लिए बंद हो जाएगी।


दूसरा कहता है न देखे न सुनो,


और कुछ भी बोल दो।


सारे इस पर उलझ जाएंगे,


और फिर दिनरात पकाएंगे।


तीसरा कहता देखो बोलो,


और किसी की मत सुनो।


नेता अभिनेता बन जाओगें।


और अंधे गूंगे और बैहरो 


कि तरह बनकर,


सफल नेता कहलाओगें।


और देश की जनता को


5वर्षों तक उल्लू बनाओगे।


न खुद शांति से बैठोगें


न जनता को बैठने दोगें।


कुछ बोलकर कुछ सुनाकर और कुछ दिखाकर,


अपास में इन्हें लड़वाओगें।


और देश में अमन शांति 


स्थापित नहीं होने देंगे।


जिससे मूल समस्याओं की तरफ,


जनता का ध्यान नहीं जाएगा।।


इसलिए तो कहता हूं कि,


गांधी तेरे बंदर कमाल के है।।


 


नोट : कविता में सीधा गांधी लिखा गया है इसका ये मतलब नहीं है कि हम उन्हें आदर नही दे रहे वो तो पूज्यनी है क्योकिं


वो देश के राष्ट्रपिता है। इसलिए उन्हें जन्मदिन के अवसर पर अपने श्रध्दा के फूल उनके चरणों मे चढ़ाता हूँ।।


 


जय हिंद 


संजय जैन मुम्बई


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