जीवन में
सपनो के रंगों को साथी,
गहराने दो जीवन मे।
आशाओं के इस अंबर में,
कुछ संग रहने दो मन में।।
ये फूल डाली-डाली के,
खिलना इसी उपवन में।
सहेज रखना इनको साथी,
महकेगे इस जीवन में।।
कौन-कहाँ-होगा साथी फिर,
कोई जाने न जीवन में।
मधुर स्मृतियों ही साथी फिर,
होगी संग जीवन में।।
सुनील कुमार गुप्ता
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