मेरे प्यार को है तुम्हारा सहारा।
कन्हैया मिलो आज हमने पुकारा।
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नहीं रोशनी है चरागों में मेरे।
चले आओ कर दो ज़रा कुछ उजारा।
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जो चाहो तो ले लो मेरे धन औ दौलत।
तुम्हारे बिना पर नहीं है गुजारा।
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हरिक रोज दिखती चमक है अनोखी।
तुम्हें ध्यान से जब भी हमने निहारा।
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है रहमत जियादा या आँसू जियादा।
करेंगे किसी रोज़ तुमसे ख़सारा।
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कसम राधिका की है तुमको कन्हैया।
हमें आपने जो नज़र से उतारा।
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अंधेरी सी रातों में उम्मीद तुम हो।
हो मन के गगन का तुम्हीं इक सितारा।
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सुनीता असीम
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