राष्ट्रीय एकता पर मेरा गीत
देश हो अखण्ड मेरा एकता चाहिए
जाति चाहे भिन्न हो, न भिन्नता चाहिए
बोलियां अनेक हैं पर एक बोली प्रेम की
रंक हो या राजा समान भाव चाहिए
देश हो अखण्ड मेरा, एकता चाहिए
गांव गांव शहर शहर देश का विकास हो
हम भी बढ़े तुम भी बढोऔर सबका साथ हो
कोई न भूखा रहे धरा पर, ऐसा देश चाहिए
देश हो अखण्ड मेरा, एकता चाहिए
देश की अखंडता न तार तार करना
साम्प्रदायिक विचारों का बहिष्कार करना
मिलजुल कर रहना है,प्यार सभी में भरना
राष्ट्रीय एकता की पहचान होनी चाहिए
देश हो अखण्ड मेरा, एकता चाहिए।
हम सब देश के बच्चे हैं, एक ही माँ के जन्मे है
फिर मजहब का भेद ये कैसा,हमें दूर ये करने हैं
यही धारणा सब बच्चों के अंदर होनी चाहिए।
देश हो अखण्ड मेरा, एकता चाहिए।
सुषमा मोहन पांडेय
सीतापुर उत्तर प्रदेश
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