विनय साग़र जायसवाल

उसी से क्या करें फ़रियाद कर के 


गया है जो हमें बर्बाद कर के


 


करो रोज़ाना हमसे गुफ्तगू तुम


अगर रखना हो दिल को शाद कर के


 


चले आओ मेरे दिल के महल में


ख़ुशी होगी तुम्हें आबाद कर के


 


भरोसा कर के तो देखो हमारा


रखेंगे हम तुम्हें नौशाद कर के


 


जुदाई सह न पायेंगे तुम्हारी


जो चाहो देख लो आज़ाद कर के 


 


कहाँ तक उसका हम रस्ता निहारें 


निकल जाये न दम यूँ याद करके 


 


कफ़स की तीलियों को तोड़ देंगे


अगर रख्खा हमें नाशाद कर के


 


मदद लेना कभी उससे न *साग़र*


जो गाये हर जगह इमदाद कर के


 


🖋️विनय साग़र जायसवाल


 


फ़रियाद-विनती ,शिकायत 


गुफ्तगू-बातचीत ,वार्तालाप


शाद-खुश


नौशाद-ख़ुश


कफ़स -जेलख़ाना


तीलियों-सलाखों 


नाशाद ,दुखी ,नाराज़


इमदाद-सहायता ,मदद


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