🌹🙏🌹सुप्रभात🌹🙏🌹
सुमिरन शंकर सुवन की, प्रात करो करजोर ।
सिद्धि करेंगे गणनायक, गौरी नंदन चितचोर ।
मोदक मन भावे उन्हें, मन से करो मनुहार ।
कष्ट हरेंगे कृपानिधि, होगा तब तेरा उद्धार ।
✍️आचार्य गोपाल जी उर्फ आजाद अकेला वाले
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
पहले मन के रावण को मारो....... भले राम ने विजय है पायी, तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम रहे हैं पात्र सभी अब, लगे...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें