ध्यान धरके श्री गणेश का,
मां शारदे को शीश नवाता हूं ।
पितरौ के चरणों का बंदन कर,
अर्चन अग्रज का तब करता हूं ।
ईश इच्छित प्रदान करें सबको,
सात्विक श्रद्धा से कामना करता हूं ।
आशाएं अनुजों की सब पूरित हो,
सुप्रभात में यही अभिलाषा करता हूं ।
✍️आचार्य गोपाल जी उर्फ आजाद अकेला बरबीघा वाले
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