आओ मधुर दीपावली मनाएँ
जगमग-जगमग ज्योत जले
हर हिय में प्रेम के दीप जले
सुमन सदृश हर शक्ल खिले
हम ऐसे ही दिल दीप जलाएँ
आओ मधुर दीपावली मनाएँ।
हर नफरत की दीवार गिरे,
हो प्रेम चिराग चहुँ ओर जले,
औ अंधकार अंतः पुर की मिटे
मिलकर ऐसी ही ज्योति जलाएँ
आओ मधुर दीपावली मनाएँ ।
निर्मल नित्य चित्त रहे हमारा,
भारत चमके बनके सितारा,
ज्ञान ज्योति जगमग जग सारा
गीता ज्ञान दीप दिल से जलाएँ
आओ मधुर दीपावली मनाएँ ।
सब सद्विवेक से संयुक्त रहें,
भेद-भाव भरम से दूर रहें,
समरसता हर दिल में बहे,
बाग प्रेम पुष्प की आज लगाएँ,
आओ मधुर दीपावली मनाएँ ।
जन-जन में है असंतोष फैला,
जिसने किया इस जग को मैला,
स्वयं को ही ससमय समझाएं,
गीत खुशी के सब मिलके गाएँ,
आओ मधुर दीपावली मनाएँ ।
✍️आचार्य गोपाल जी उर्फ आजाद अकेला बरबीघा वाले
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