भुवन बिष्ट

**वंदना**


मानवता का दीप जले, 


      प्रभु ऐसा देना वरदान। 


प्रेम भाव का हो उजियारा, 


      नित नित करता मैं गुणगान।। 


प्रभु ऐसा देना वरदान। ..........


 


राग द्वेष की बहे न धारा, 


       हिंसा मुक्त हो जगत हमारा।


सारे जग में भारत अपना, 


       सदा बने यह सबसे प्यारा ।।


पावन धरा में हो खुशहाली, 


        बने सदा यह देश महान।।


प्रभु ऐसा देना वरदान। ........


 


हो न कोई अपराध कभी, 


         वाणी में हो पावनता। 


ऊँच नीच की हो न भावना, 


         जग में फैले मानवता।। 


एक दूजे का हम करें, 


         सदा सदा ही अब सम्मान।।


प्रभु ऐसा देना वरदान। .......   


             ......भुवन बिष्ट 


            रानीखेत(अल्मोडा़)उत्तराखण्ड


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अखिल विश्व काव्यरंगोली परिवार में आप का स्वागत है सीधे जुड़ने हेतु सम्पर्क करें 9919256950, 9450433511