भूख बड़ी या कोरोना
नहीं बहस का मुद्दा है यह,
भूख बड़ी या कोरोना।
छोटा कौन बड़ा है इसमें-
दोनों में रोना-रोना।।
कोरोना की मार भयानक,
संयम से ही रहना है।
भूख निगोड़ी बहुत सताए,
इससे भी तो बचना है।
करें सभी मिल यत्न अनूठा-
अब तज कर रोना-धोना।।
करें कर्म सब अपना-अपना,
थोड़ा दूर-दूर रहकर।
दूरी-संयम हैं निदान बस,
इसका नियमन हो डटकर।
भागे भूख,भगे कोरोना-
नहीं ज़िंदगी को खोना।।
हँसी-खुशी,मिल-जुल कर दोनों,
को ही हमें मिटाना है।
साफ-सफाई,भोजन सादा,
का नियमन अपनाना है।
नए सिरे से नई व्यवस्था-
के हैं बीज अभी बोना।।
कोरोना तो जाएगा ही,
किंतु भूख रह जानी है।
सदा परिश्रम करते रहना,
सचमुच यही कहानी है।
सदा जागते रहना जीवन-
मरण-निमंत्रण है सोना।।
नहीं बहस का मुद्दा है यह,
भूख बड़ी या कोरोना।।
©डॉ0हरि नाथ मिश्र
9919446372
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