गीत(पल-दो-पल)-16/10
पल-दो पल के इस जीवन में,
बस प्यार बाँट ले।
बिना किसी भी भेद-भाव के-
तु दुलार बाँट ले।।
बड़े भाग्य से मिला मनुज-तन,
तू जरा सोच ले।
हिस्से में जो मिले तुम्हें पल,
उनको दबोच ले।
आपस में सब मिल सुख-दुख का-
संसार बाँट ले।।
बस प्यार बाँट ले।।
कपट और छल कभी न करना,
बस यही धर्म है।
मददगार निर्बल का बनना,
बस यही कर्म है।
अंतर भेद मिटा प्रेम -भाव-
व्यवहार बाँट ले।।
बस प्यार बाँट ले।
आज रहे कल रहे न जीवन,
बस यही कहानी।
हर पल को मुट्ठी में रखकर,
दो अमिट निशानी।
हर मुश्किल को अभी हराकर-
दुःख-भार बाँट ले।।
बस प्यार बाँट ले।।
संकट तो एहसास मात्र है,
बस यही तथ्य है।
साहस से यह कट जाता है,
बस यही सत्य है।
साहस अब दिखलाकर प्यारे-
आभार बाँट ले।।
बस प्यार बाँट ले।।
© डॉ0 हरि नाथ मिश्र
9919446372
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