हाय मेरे प्राण प्रिय
हृदय में रहना सदा हे प्राण प्रिय।
आज तुझे बुला रहा है यह हृदय।।
हृदय में आकर रहो हे अतुल निधि।
प्राण की रक्षा करो हे प्राण प्रिय।।
जल्द आओ देर अस्वीकार अब।
पिघल जाओ शीघ्र अति आ जा हृदय।।
मुस्कराते गीत गाते निकल पड़।
वास कर मेरे हृदय में प्राण प्रिय।।
निकल पड़ जंजीर को तुम तोड़कर।
मोहमाया छोड़कर आओ हृदय।।
दुश्मनों की मत करो चिंता कभी।
है बुलाता प्रेम से मेरा हृदय।।
हृदय कोमल भाव मीठा मधुर ध्वनि।
मत कभी इंकारना हे प्राण प्रिय।।
प्रेम विह्वल स्नेह आकुल प्रीतिकर ।
यह हृदय आवाज देता आ हृदय।।
हाय मेरे प्राण प्रिय आराध्य तुम।
विलखते को शान्ति दे हे प्राण प्रिय।।
डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801
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