चलो आज हम दीप जलाएँ
चलो आज हम दीप जलाएँ।
मन-उर में नित खुशी मनाएँ।।
दीप जले रोशन छा जाए।
दिव्य भाव मन में आ जाए ।।
दीपों की मालाएँ मिलकर।
रचें जगत सुंदर दीपक घर।।
ज्ञान दीप का नित आवन हो।
मन उजास दिल में सावन हो।।
भव्य लगे पृथ्वी दीपालय।
घर-घर स्थापित होय शिवालय।।
दिल-दीपक में भाव -तेल हो।
मन-बाती का सुखद मेल हो।।
अंतस बन जाये देवालय।
भीतर-बाहर हो विद्यालय।।
आओ मिल-जुल दीप जलाएँ।
शुभ प्रकाश का पर्व मनाएँ।।
छटे तिमिर-घन गुरु दर्शन हो।
ज्ञान-मान का सह-स्पर्शन हो।।
आओ प्यारे दीप जलाओ।
कदम-कदम पर पर्व मनाओ।।
डॉ० रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801
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