डॉ० रामबली मिश्र

चलो आज हम दीप जलाएँ


 


चलो आज हम दीप जलाएँ।


मन-उर में नित खुशी मनाएँ।।


 


दीप जले रोशन छा जाए।


दिव्य भाव मन में आ जाए ।।


 


दीपों की मालाएँ मिलकर।


रचें जगत सुंदर दीपक घर।।


 


ज्ञान दीप का नित आवन हो।


मन उजास दिल में सावन हो।।


 


भव्य लगे पृथ्वी दीपालय।


घर-घर स्थापित होय शिवालय।।


 


दिल-दीपक में भाव -तेल हो।


मन-बाती का सुखद मेल हो।।


 


अंतस बन जाये देवालय।


भीतर-बाहर हो विद्यालय।।


 


आओ मिल-जुल दीप जलाएँ।


शुभ प्रकाश का पर्व मनाएँ।।


 


छटे तिमिर-घन गुरु दर्शन हो।


ज्ञान-मान का सह-स्पर्शन हो।।


 


आओ प्यारे दीप जलाओ।


कदम-कदम पर पर्व मनाओ।।


 


डॉ० रामबली मिश्र हरिहरपुरी


9838453801


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