*मंत्र फूँक माँ...*
सिद्धिदायिनी शुभ फल दानी।
विनय प्रदात्री महान ज्ञानी।।
लोकातीत मूल्य संवाहक।
विद्या महा अनंत सुनायक।।
परम रूपसी प्रेम लुभावन।
सहज ज्ञानश्री दिव्य सुहावन।।
मंत्र फूँक माँ शिव बनने का।
शांत गौर शुभ्र रचने का।।
तुम उत्सव प्रिय पर्व अनंता।
वैभव लक्ष्मी नित श्रीकंता।।
ब्रह्माणी ब्राह्मणी सत्व हो।
सबमें एकीकृत समत्व हो।।
ध्यान महान सुजान सुशीला।
प्राण महामय स्वरा सुरीला।।
धन्य धर्म सत्कर्म सर्व हो।
महा तपस्विनि यज्ञ पर्व हो।।
बनी सांत्वना आ माँ उर में।
गंगा बन बह अंतःपुर में।।
दोहा:दिल में आओ बैठकर ,गा माँ मोहक गीत।
ज्ञान-प्रेम अरु भक्ति दे,रच सुंदर मनमीत।।
रचनाकार: डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801
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