*विचार मूल्य*
*(दोहा)*
मूल्यवान हर चीज वह, जिसका अधिक महत्व।
रक्षा करे समाज की, और बचाये स्वत्व।।
सुंदर सार्थक बात ही, मूल्यवान इस लोक।
गढ़ती उत्तम बात ही, सुंदर नित नव श्लोक।।
मूल्यवान है वह क्रिया, रचे जो स्वर्गिक देश ।
क्रिया-मूल्य देता सहज, सबको सुंदर वेश।।
मूल्यवान वे शव्द हैं, जिनके मोहक भाव।
डाला करते मनुज पर,शिवमय दिव्य प्रभाव।।
उसी व्यक्ति का मूल्य है, जिसका सुखद प्रयोग।
मूल्यहीन हर व्यक्ति का, सदा निरर्थक योग।।
सत-शिव-सुंदर मूल्य ही, रचते देव-समाज।
सद्विचार का केन्द्र ही , करता जग पर राज।।
उत्तम मूल्यों से रचो, खुद को सबको रोज।
उत्तम मूल्यों से खिला, दिखता दिव्य सरोज।।
भौतिकता से दूर अति,है वैचारिक मूल्य ।
सदाचार अरु शिष्टता,सतत सनातन स्तुत्य।।
डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801
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