डॉ०रामबली मिश्र

*तिकोनिया छंद*


मैं देखूँगा,


मैं बोलूँगा।


साथ रहूँगा।।


 


साथ निभाना,


उर छा जाना।


दूर न जाना।।


 


निकट बुलाना,


आँख लड़ाना।


कुछ मुस्काना।।


 


दिल में बहना,


सदा उतरना।


नहीं विछड़ना।।


 


चुंबन लेकर,


हाथ पकड़कर।


सदा चलाकर।।


 


डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी


9838453801


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