*भुला न देना*
*(चौपाई ग़ज़ल)*
भुला न देना तुम प्रियतम को।
गले लगाओ नित अनुपम को।।
रक्षा करना कष्ट न देना।
सदा मानना निज प्रियतम को।।
तेरा ही है इसे सहारा।
छोड़ न देना सर्वोत्तम को।।
तुझे देखता रहता ही यह।
ओझल मत करना प्रियतम को।।
अपने दिलवर सहज सलोने।
दिल देना अपने प्रियतम को।।
देखा करना इसे अहर्निश।
दूर न रखना तुम प्रियतम को।।
यह भावों से सना-बना है।
रख जेहन में नित प्रियतम को।।
इसे मनोहर -मुरली जानो।
रखना मधुबन में प्रियतम को।।
यमुना तीरे बैठ बात कर।
सुख देते रहना प्रियतम को।।
अभिन्न साथी बनकर रहना।
सदा स्नेह देना प्रियतम को।।
अंकों में भर लेना प्रिय को।
खूब रिझाना शिव सत्यम को।।
तेरा ही यह आशिक प्रेमी।
प्रेम पिलाना मधु प्रियतम को।।
डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें