एस के कपूर "श्री हंस"

*प्रेम ईश्वर का रूप है।।*


*हाइकु।।*


 


1


निस्वार्थ प्रेम


प्रभु की सौगात है


दिल से प्रेम


2


प्रेम संस्कार


अनमोल देन है


प्रेम संसार


3


प्रेम का द्वार


स्वर्ग यहीं पर है


प्यार ही प्यार


4


प्रेम का सुख


अमूल्य धरोहर


भुला दे दुःख


5


प्रेम स्वीकृति


सुख शांति का पत्र


अमूल्य निधि


6


सात्विक प्रेम


अमूल्य उपहार


हार्दिक प्रेम


7


प्रेम आधार


प्रेम जब दिव्य हो


हो ये सौ बार


8


प्रेम संपदा


दुख होता है विदा


प्रभु भी फिदा


9


प्रेमानुभूति


सुखद अहसास


ये अनुभूति


10


प्रेम का रंग


जब चढ़ जाता है


बदले ढंग


11


प्रेम है भक्ति


प्रेम है सागर सा


प्रेम है शक्ति


12


प्रेम का वास


सब ही क्लेश कटें


प्रेम निवास


13


प्रेम बर्ताव


उत्तम शिष्टाचार


न देता घाव


14


प्रेम का धर्म


बदल देता यह


जीवन कर्म


15


प्रेम पवित्र


निर्मित करता है


प्रेम चरित्र


16


प्रेम सरस


आनंद ही देता है


प्रेम का रस


 


*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस*"


*बरेली।।*


मोब।। 9897071046


                      8218685464


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...