*दीपावली।।रोशनी का पर्व*
*।।मुक्तक माला।।*
1
दीपावली का पर्व मानों
जैसे कि दीपों का बाजार है।
उमंगों की लौ में सजा
आज हर कोना गुलज़ार है।।
ज्योति पर्व की रोशनी और
लक्ष्मी गणेश का पूजन।
अमावस्या के अन्धकार को
मिटाने का यह त्यौहार है।।
2
दीवाली की रात लाखों नई
उम्मीदें जगाती है।
हमारी ऊर्जा और चमक को
कई गुना और बढ़ाती है।।
हर दर और हर कोना
हो जाता है रोशन।
अपनों को अपनों के ही
और करीब ले आती है।।
3
हर इक कोना गुलज़ार हो
हर जगह हो बस चमकती।
पटाखों के शोर में भी मिलन
की आवाज़ हो धमकती।।
लक्ष्मी गणेश का पूजन लाये
नयी खुशियों की सौगात।
हर चेहरे पर खिल जाये
रोशनी नई सी दमकती।।
4
इस दिवाली कोई प्रेम का
दिया नया सा जल जाये।
प्यार की ऐसी धारा बहे कि
किनारे नफरत लग जाये।।
अमन चैन सुख शान्ति की
इक दुनिया यह जाये बन।
रोशनी के साथ ही महोब्बत का
दिया हर दिल में जग जाये।।
5
हर कदम पर मिले कीर्ति
हर पग पर सम्मान मिले।
हर क्षण हर पल आपका हो
बरसों तक पहचान मिले।।
सदैव अमिट रहे हर दिल
में हमेशा याद तुम्हारे नाम की।
यही कामना कि इस दिवाली
सबको ऐसा ही यशोगान मिले।।
एस के कपूर "श्री हंस"।।*
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