*एक बार तुम फिर से जागो*
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एक बार तुम फिर से जागो,
प्रेम की गंगा पुनः बहाओ,
दूसरों के लिये रोड़े न बनो,
संवेदनशीलता कहाँ खो गई,
सुन्दरता तेरी कहां छुप गई,
संघर्षशीलता कहां गायब हो गई,
ममता ,स्नेह अब कम दिख रही,
एक बार तुम फिर से जागो।
धैर्य को तुम त्याग न करो,
सहनशीलता कभी न छोड़ना,
सजगता तुम अपनाये रखना,
व्यवहार में बनावटी पन ना लाना,
क्रोध पर अपना नियन्त्रण रखना,
सबको मित्र बना कर रखना,
अपना जीवन मधुर बनाओ,
एक बार तुम फिर से जागो,
कठिनाइयों का मुकाबला करो,
ईर्ष्या का भाव कभी न रखना
सब पर अपना स्नेह बरसाओ,
सबके लिये मंगल गान
गाओ ,
गरीबो का सहयोग करना,
घंमड को चकमाचूर करो ,
सबके सहयोगी बन कर रहना,
एक बार तुम फिर से जागो,
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कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड
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