*हे मां शारदे*
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विद्या की देवी मां शारदे,
नित तेरी आराधना करु,
ऐसी मुझे विमल मति दे मां
गौ, गंगा की मैं नित सेवा करु,
मुझे तुम वरदान दो मां।
हे मधुर भाषिणी मां शारदे,
तिमिर का तू नाश करती,
कुविचार का तू सर्व नाश करती,
सबको सुविचार और ज्ञान दे मां,
और जीवन में उमंग ला दे मां।
हे शुभ्र वस्त्र धारणी मां शारदे,
जो भी तुम्हारे शरण में आये,
उसे सही राह बताना मां,
उसे सद् बुद्धि दे देना मां,
विनम्रता का दान देना मां।
हे मां सरस्वती ऐसा वरदान दो,
दीन दुखियों की सेवा सदा करु,
राह से भटके राही को मैं सही राह बताओं,
नित नित तेरा ही ध्यान करु मां,
अपने चरणों में स्थान दो मां।
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कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड
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