नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर

त्योहारों के उधेश्य उत्साह का समय समाज राष्ट्र------


 


 


सूरज का प्रयास हैं तमाश


तिमिर मिटाने का युग


विश्वास ।।।                                


 


जगत से मिट


जाएगा अंधेरा।।


 


माँ नव दुर्गा की जागृति


जागरण का प्राणी प्राणी


मन घर मे उजियारा।।


 


सच्चाई अच्छाई विजय


रावण का जलना मरना।।


 


प्रथम दिवस ,दूज,


चौथ ,चौदवीं ,ईद, पूर्णिमा


शरद का चाँद।।


 


परम् प्रकाश कि सत्ता 


घनघोर अंधेरों से लड़ता 


प्रकाश।।


 


वनवास से लौटे राम 


राजा राम से बनवासी


राम से राजा राम रामराज्य


धर्म ज्ञान प्रकाश का प्रखर


प्रवाह।।


 


दिए जलाओ प्यार के


खुशियो मुस्कान के।।


 


जग मग ,जग मग दीपो


धर्म ,ज्ञान के जग मग 


दीपों की संस्कृत संस्कार


के प्रकाश के।।


 


अंधेरा रह न जाये धरा पर


माता की नौ रात जांगरण


का सब दिन हो बसेरा।।


 


रावण की काला अध्याय 


युग मे कभी लौट कर ना आये।।


 


चाँद का प्रयास अंधेरों से मुक्त


प्राणी संसार ।।                      


 


प्रथम दिवस, दूज , चौथ, ईद ,चैदहवीं पूनम का चाँद सार्थकता प्रयास का जग उजियार।।


 


दीपावली और त्योहार पखवारे का उद्देश्य महत्व-------


 


धन्द्वन्त्रि पूजा शुद्ध पर्यावरण


स्वस्थ समाज धन बैभव का संचार।।


 


 नर्क चतुर्दशी जम दीप स्वर्ग द्वार दीप मार्ग प्रकाश नरकासुर बध अन्याय अत्याचार समाप्त का दीप प्रकाश।।


 


दीपावली का दीपक जग प्राणी हृदयों


का प्रकाश।।


 


गोवर्धन पूजा पर्यावरण संरक्षण


विशुद्ध जल ,जंगल, वायु, वेग प्रवाह।।


 


भैया दूज पावन रिश्तो के बंधन 


का गौरव शाली युग प्रकाश।।


 


कलम दावत की पूजा कर्म ,धर्म का


लेखा जोखा चित्रगुप्त भगवान प्रकाश।।


 


डूबते सूरज बुजुर्ग सम्मान


प्रतिष्ठा की अर्घ आराधना पूजा


बुजुर्ग प्रथम पूज्यते तब दूजा।।


 


प्रगति प्रतिष्ठा कर्म श्रम का सौर्य


सूर्य लबे अंधेरे से निकले युग का


नया सबेरा नए ऊर्जा, उमंग, उत्साह


युवा उत्कर्ष का प्रभा प्रवाह षष्टी पूजा।।


 


नर में नारायण प्राणी प्राण में नारायण


नारायण का जग साधन्द्वन्त्रि का दीपक शुद्ध पर्यावरण


स्वस्थ समाज धन बैभव का संचार।।


 


 नर्क चतुर्दशी जम दीप स्वर्ग द्वार दीप मार्ग प्रकाश नरकासुर बध अन्याय अत्याचार समाप्त का दीप प्रकाश।।


 


दीपावली का दीपक जग प्राणी हृदयों


का प्रकाश।।


 


गोवर्धन पूजा पर्यावरण संरक्षण


विशुद्ध जल जंगल वायु वेग प्रवाह।।


 


भैया दूज पवन रिश्तो के बंधन वन्धन


का गौरव शाली युग प्रकाश।।


 


कलम दावत की पूजा कर्म, धर्म का


लेखा जोखा चित्रगुप्त भगवान प्रकाश।।


 


डूबते सूरज बुजुर्गो सम्मान


प्रतिष्ठा की अर्घ आराधना पूजा।


बुजुर्ग प्रथम पूज्यते तब दूजा।।


 


प्रगति ,प्रतिष्ठा ,कर्म ,श्रम ,सौर्य


सूर्य लबे अंधेरों का युग का


नया सबेरा नया ऊर्जा, उमंग, उत्साह।।


 


युवा उत्कर्ष का प्रभा प्रवाह षष्टी पूजा प्रकाश।।


 


नर में नारायण प्राणी प्राण में नारायण


नारायण से जग सारा उजियार परम पालक जातक ब्रह्म परम प्रकाश।।


 


निर्मल ,निर्झर जल प्रवाह पावन


नदियों का स्नान कार्तिक पूर्णिमा


मोक्ष मार्ग।।।                                


 


गुरु नानक गुरु महिमा


गुरुवाणी का जग प्रकाश।।


 


दिए जलाओ प्यार प्रकाश के


घी तेल हो आस्था लौ विश्वश।


दीपक हृदय मन उद्देश्य जग उजियार ।।


 


नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर


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