निशा अतुल्य

सत्यता का सूरज


18.11.2020


 


चलो चले नई राह बनाए


सत्य,अहिंसा का दीप जलाए


प्रखर प्रचंड सत्यता का सूरज


हर दिल में नित रोशनी फैलाए।


 


स्वस्थ समाज सुदृढ होगा तब 


जब अपने से ऊपर उठ जाएं


परहित कर्म की अलख जगाए ।


चलो चले नई रीत चलाए ।


 


नैतिकता का पतन न हो कभी


सब मिलकर ये अलख जगाए


स्वस्थ समाज बनाने के खातिर


चलो चले नई राह बनाए ।


 


सत्यता का सूरज जब चमके


भारत माँ का भाल तब दमके


विश्व में क्रान्ति मिल कर लाए


भारत को विश्व गुरु बनाए।


चलो चले नई राह बनाए ।


 


सभ्यता संस्कृति अपनी पुरानी


नही कहीं कोई इसका सानी 


छोड़ो पश्चात्यकरण की दौड़


फिर अपनी पद्धति अपनाए।


 


सत्यता का सूरज दमकेगा


हर जीवन खिल कर महकेगा


नित नए आयाम बनाए 


चलो चले नई राह बनाए


सत्य अहिंसा का दीप जलाए ।


 


स्वरचित


निशा अतुल्य


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