निशा अतुल्य

धनतेरस 


धनवंतरि प्रभु प्रकट हुए थे आज 


ले कर आरोग्य कलश हाथ 


सुख शांति समृद्धि फले तभी


जब हो जीवन आरोग्य साथ ।


 


पूजा की थाली सजी 


चँदन कुमकुम धान


प्रथम गणपति मनावती


पंच दीप त्यौहार ।


 


रंगोली आँगन सजी


आओ धनवंतरि महाराज


आरोग्य करो जग को


दो योग आयुर्वेद का ज्ञान।


 


दीप जगमग जले


काली अमावस रात 


छमछम माँ लक्ष्मी


आती सबके द्वार ।


 


धनतेरस का दिन है 


माँ लक्ष्मी का रहे साथ


सुख शांति समृद्धि से 


सजा रहे संसार ।


 


स्वरचित


निशा अतुल्य


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