नूतन लाल साहू

सुविचार


 


जिनकी भाषा में सभ्यता होती हैं


उनके जीवन में सदैव भव्यता होती हैं


आओ पहचाने और जाने


अपने अंतस के उदगार को


करते हैं मां सरस्वती की पूजा


वंदना,प्रार्थना उसकी कृपा पाने को


मन में राजसी और तामसी गुण


कभी भी तनिक न आने देना


हम जीवन भर विद्यार्थी और शिक्षार्थी रहे


हमे सतोगुणी बना देना


जिनकी भाषा में सभ्यता होती हैं


उनके जीवन में सदैव भव्यता होती हैं


आरंभ हुआ उत्थान मनुष्य का


जब हुआ अक्षर ज्ञान,बनी भाषाएं


रचे गये वेद उपनिषद


दर्शन धर्म मानव का


जो है वंचित,ज्ञान के आदान प्रदान से


उसके जीवन में कैसे आयेगा उजलापन


टकराव,दुराव,अलगाव आने न पावे


ऐसे शब्दों का चयन करना


जिनकी भाषा में सभ्यता होती हैं


उनके जीवन में सदैव भव्यता होती हैं


जो असंयमित वाणी बोलते हैं


वे अपने ही पैरों में कुल्हाड़ी मारते हैं


अविराम,बेलगाम वाणी हमें


पश्चाताप में डूबा जाता हैं


शब्द चयन ऐसा करे


न हो भारत में फिर महाभारत


जिनकी भाषा में सभ्यता होती हैं


उनके जीवन में सदैव भव्यता होती हैं


नूतन लाल साहू


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