ज्ञान की बातें
आंसू न होते तो
आंखे इतनी खूबसूरत न होती
दर्द न होता तो
खुशी की कीमत न होती
अगर मिल जाता सब कुछ केवल चाहने से
तो दुनिया में ऊपर वाले की जरूरत न होती
चुन चुन लकड़ी महल बनाया
और कहता है तू घर मेरा है
ना घर तेरा है ना घर मेरा है
चिड़िया करत रैन बसेरा है
जब तक पंछी बोल रहा है
तब तक सब राह देखें तेरा
प्राण पखेरु उड़ जाने पर
तुझे कौन कहेगा मेरा
आंसू न होते तो
आंखे इतनी खूबसूरत न होती
दर्द न होता तो
खुशी की कीमत न होती
अगर मिल जाता सब कुछ केवल चाहने से
तो दुनिया में ऊपर वाले की जरूरत न होती
क्या हुआ तू वेदों को पढ़ा
भेंद तो कुछ जाना नहीं
आत्मा की मरम जाने बिना
ज्ञानी तो कोई कहलाता नहीं
जानबूझकर अनजान बनता है
जैसे सदा जिंदा रहेगा
प्रभु भक्ति बिना किश्ती तेरी
भवसागर पार जायेगा नहीं
आंसू न होते तो
आंखे इतनी खूबसूरत न होती
दर्द न होता तो
खुशी की कीमत न होती
अगर मिल जाता सब कुछ केवल चाहने से
तो दुनिया में ऊपर वाले की जरूरत न होती
नूतन लाल साहू
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