नूतन लाल साहू

दिवाली


 


प्रकाश का त्यौहार है दिवाली


खुशी खुशी मना लेना


एक दिया उन शरहद के


दिवानों के नाम का भी जला लेना


सुख के सपनों के साथ


हजारों दुःख जो झेल रहे हैं


हंसी खुशी में भीगे दिवाली


जो अब तक कभी न देखे है


एक दिया उन शरहद के


दिवानों के नाम भी जला लेना


किया काम ऐसा कि हलचल मचा दी


मेरा देश जहन्नुम थी,जन्नत बना दी


जिसने सारा जीवन काट रहा है


दुश्मनों के शरहद पे


एक दिया उन शरहद के


दिवानों के नाम भी जला लेना


मत भुलो उस पल को तुम


सीमा पर वीरों ने प्राण गंवाये है


जो शहीद हुए हैं शरहद पर


जरा याद करो कुरबानी


एक दिया उन शरहद के


दिवानों के नाम भी जला लेना


तुम भुल न जाओ उनको


इसीलिए कही यह कहानी


खुश रहना देश के प्यारों


आज है प्रकाश का पर्व दिवाली


शरहद पर मरने वाला भी


हर वीर था भारतवासी


प्रकाश का पर्व है दिवाली


खुशी खुशी मना लेना


एक दिया उन शरहद के


दिवानों के नाम का भी जला लेना


नूतन लाल साहू


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