नूतन लाल साहू

दिवाली की जगमग रात


 


प्रकाश का त्यौहार


दीपावली आ गई


दिवाली की जगमग रात


सबके हृदय को भा रही है


गांव गांव में होगी रोशनी


अंधेरा कहीं नहीं होगा


मुस्कुराते मिलेंगे लोग


गम कहीं नहीं होगा


मां लक्ष्मी की कृपा से


सभी सपने होंगे साकार


दिवाली की जगमग रात


सबके हृदय को भा रही है


आस थी जिन मंजिलों की


वे सभी मंजिले मिल जायेंगे


शुभ लाभ का दीपक


घर के आंगन में जलाएंगे


पर्व के स्वागत में हम सब


नया कुछ करके दिखलाएंगे


दिवाली की जगमग रात


सबके हृदय को भा रही है


सुख शांति के खातिर सभी मिल


स्वच्छता अभियान चलाएंगे


दीपोत्सव मनायेंगे


घर आंगन को सजायेंगे


दिवाली की जगमग रात


सबके हृदय को भा रही है


जगमग करती रोशनी


इनकी छटा देख यारो


पांव में घुंघरू बांध के


मोर संग नाचे मोरनी


प्रकाश का त्यौहार


दीपावली आ गई


दिवाली की जगमग रात


सबके हृदय को भा रही है


नूतन लाल साहू


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