😊😊 देव उठे 😊😊
देव उठे तुम भी उठो,
छोड़ो बिस्तर यार।
करो काम कुछ मत बनो,
इस धरती का भार।
आलस कर देगा तूम्हें,
सचमुच में बीमार।
बन जाओगे बोझ ही,
मानो इस संसार।
हाल सदा हरदम यही,
रहा अगर तो यार।
जीवन नैया ये नहीं,
हो पाएगी पार।
एकादशी पर्व तुम्हें,
प्रण लेना है आज।
श्रम करना हर दिन मुझे,
छोड़ आलस व लाज।
।। राजेंद्र रायपुरी।।
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