आज दिवाली आई है
जगमग-जगमग दीप जले हैं,
रौशन घर ॲ॑गनाई है।
बहुत दिनों से इंतजार था,
आज दिवाली आई है।
छोटे-बड़े सभी खुश दिखते,
घटा खुशी की छाई है।
बहुत दिनों से इंतजार था।
आज दिवाली आई है।
घर-घर पूजन धनलक्ष्मी की,
आज हुई है भाई।
हे माता तुम यहीं विराजो,
सबने अर्ज़ लगाई।
फोड़ फटाके बाॅ॑ट रहे हैं,
देखो लोग मिठाई।
हाथ जोड़कर शुभ दीवाली,
कहते सबको भाई।
बच्चों ने तो धमाचौकड़ी,
देखो खूब मचाई है।
बहुत दिनों से इंतजार था,
आज दिवाली आई है।
टॉफी ही मन उनके भाए,
भाए नहीं मिठाई।
उछल-कूद कर टाॅफी खाते,
छूते नहीं मिठाई।
आज खुशी के दिन पर भैया,
बच्चों की बन आई।
फोड़े बम कुछ ने तो कुछ ने,
चकरी खूब चलाई।
सरिता -सुषमा ने रंगोली,
द्वारे खूब सजाई है।
बहुत दिनों से इंतजार था,
आज दिवाली आई है।
।। राजेंद्र रायपुरी।।
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