राजेंद्र रायपुरी

 तभी हों पूरे सपने 


 


अपने दम पर वो लड़ा, 


                  देखो पहली बार।


नाको चने चबा दिया, 


                  भले गया वो हार।


भले गया वो हार, 


             दिखाया उसने दम है।


राजनितिक चाणक्य, 


             नहीं वो कोई कम है।


दिया यही संदेश, 


                   तभी हों पूरे सपने।


नहीं किसी के और,


            बढ़ो जब दम पर अपने।


 


        ।। राजेंद्र रायपुरी।।


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