चुनावी चकल्लस
धड़कन सबकी बढ़ गई,
मतगणना है आज।
होंगे ऑ॑सू नैन किस,
किसके सिर पर ताज।
चैनल पर जो दिख रहे,
भैया एक्जिट पोल।
लगे सुशासन का हुआ,
अबकी डिब्बा गोल।
आना है हमने सुना,
फिर से जंगल राज।
चरवाहे की नौकरी,
देंगें अब युवराज।
जनता को तो चाहिए,
केवल लालीपाप।
सपने दिखा-दिखा उसे,
वोट लीजिए आप।
।। राजेंद्र रायपुरी।।
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