गणपति भज ले, आ जा।
जगमग कलशा,साजा।
घर-घर कमला,आयें।
जन -जन धन्य हो ,जायें।
चुन-चुन फुलवा ,डाली।
गुथ-गुथ गजरा ,काली।
करधन लड़ियाँ, लागी।
चम-चम बिंदिया साजी।
अब फुलझड़ियाँ, लाई।
सुन विनय करूँ, माई।
जगमग बने ,दीवाली।
नच-नच सब ,दें ताली।
लख-लख खुशियाँ ,आयें।
सकल जगत में,छायें।
अब धड़कन ये,गाये।
सब उलझन है,जाये।
रश्मि लता मिश्रा
बिलासपुर सी जी।
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