रंगोली रंगे सदा , बिखरते रंग लाल ।
मन आँगन भी रंगता , सदा रच देखभाल ।।
सात रंग से रचित सदा , दृश्य अनुपम बहार ।
अपने मन से देख लो , आँगन दिया सँवार ।।
रंगोली मन भावनी , रचते हैं सब लोग ।
रंगत बढ़ती है आज , दीपावली का योग ।
तन मन अपना रंग लो , मनभावन हैं रंग ।
ऐसी सजती देख लो , रहे लोग सब दंग ।
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(C) रवि रश्मि 'अनुभूति '
10.11.2020 , 6:38 पीएम पर रचित ।
मुंबई ( महाराष्ट्र )
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🙏🙏समीक्षार्थ व संशोधनार्थ ।🌹🌹
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