सही - सही माँ राह दिखाती ,
पूजी जाती माँ।
माँ का हर पल सम्मान करो ,
देखे हर पल माँ ।।
माँ का देवी का दर्जा है ,
करते हम पूजा ।
माँ की ममता है वट वृक्ष - सी ,
माँ ही सरमाया ।।
सारे संकट माँ हरती है ,
माँ शीतल छाया ।।
निस्वार्थ भाव सेवा करती ,
माँ बड़ी पुजारी ।
सब दुख हरने वाली माँ है ,
माँ बड़ा दुलारी ।।
संबल बन बच्चों का वह तो ,
संस्कार सिखाती ।
निराशा से गिरते देख माँ,
उम्मीद बन जाती ।।
(C) रवि रश्मि 'अनुभूति '
मुंबई ( महाराष्ट्र ) ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें