काफिया बिन क्या ग़ज़ल का चाहना।
हुस्न बिन जैसे अधूरा चाहना।
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दिल जिगर से प्यार मत करना कभी।
हद में रहकर ही ज़रा सा चाहना।
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बोलकर केवल बुरा दुखता है दिल।
अर्थ इसका है निराशा चाहना।
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इक सितारा भी नहीं हो बाम पर।
इस तरह की रोशनी क्या चाहना।
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प्यार की आदत नहीं है आपकी।
फिर हसीना को भला क्या चाहना।
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सुनीता असीम
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