विनय साग़र जायसवाल

दोहे --


हर नफ़रत को भूल कर ,बाँटो जग में प्यार ।


तुम भी सुख से जी सको ,सुखी रहे परिवार।।


 


जला रही संसार को ,नफ़रत की बारूद ।


बारिश कर दे प्यार की ,ओ मेरे माबूद।।


 


🖋️विनय साग़र जायसवाल


माबूद-देवता ,भगवान (पूज्नीय)


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