बाल-गीत
नाना मुझको पैसे दे दो,
जैसे-तैसे-वैसे दे दो।
मुझको टॉफ़ी खानी है-
देती मुझे न नानी है।।
चंदू चाचा पैसे लेते,
लेकर पैसे तब हैं देते।
नहीं वहाँ चलती मनमानी-
चलती वहाँ न खींचातानी।।
मेले में है जाना नाना,
खोलो अपना अभी खजाना।
पूड़ी-दही-जलेबी खाना-
नानी हेतु जलेबी लाना।।
मेले में हैं बहुत खिलौने,
मिलते नहीं हैं औने-पौने।
सबके पैसे भी देना है-
पैसे देकर ही लेना है।।
रामू-श्यामू,नंदू-मोहन,
संग रहेगा छोटू सोहन।
और रहेगी गुड़िया रानी-
खायेंगे हम पूड़ी-पानी।।
मेरे नाना अच्छे नाना,
कोई करना नहीं बहाना।
मेले में है मुझको जाना-
पैसे देकर खाओ खाना।।
©डॉ0हरि नाथ मिश्र
9919446372
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